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बुधवार, 12 सितंबर 2012

दोस्ती का रिश्ता भी कितना ख़ास होता है !
एक होता है उदास तो दूजा भी उदास होता है !!
जिनके सीने में कोई दिल नहीं, जज़्बात नहीं,
उन्हें कहाँ इस दोस्ती का एहसास होता है !
जब भी आती है घटा घिर के कोई गम की.
भले ख्यालों में सही, लेकिन दोस्त पास होता है !
दोस्ती करके छोड़ते भी देखे है हमने,
निभाता वो है जिसको ये रिश्ता रास होता है !
यूँ तो रिश्ते और भी हैं ज़माने में "कमल",
पर दोस्ती का ये रिश्ता खासुलखास होता है !
(खासुलखास=महत्वपूर्ण )

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