*********************************कवित्त*******************************************
मन की उमंग में, ह्रदय की तरंग में, दीयों के संग में, आयी है दीपावली!
आनंद अपार सा, प्रेम का संचार सा, नया संसार सा, लायी है दीपावली!!
निर्धन धनिक को, व्यापारी बनिक को, बेचते मनिक को, भायी है दीपावली!
"कमल" के कवित्त में, जन मानस के चित्त में, रुपया पैसा वित्त में, छायी है दीपावली!!
(दीया=दीपक, धनिक=धनवान. बनिक=बनिया, मनिक=मणि, वित्त=धन)
सभी मित्रों को कमल शर्मा की ओर से दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनायें......
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मन की उमंग में, ह्रदय की तरंग में, दीयों के संग में, आयी है दीपावली!
आनंद अपार सा, प्रेम का संचार सा, नया संसार सा, लायी है दीपावली!!
निर्धन धनिक को, व्यापारी बनिक को, बेचते मनिक को, भायी है दीपावली!
"कमल" के कवित्त में, जन मानस के चित्त में, रुपया पैसा वित्त में, छायी है दीपावली!!
(दीया=दीपक, धनिक=धनवान. बनिक=बनिया, मनिक=मणि, वित्त=धन)
सभी मित्रों को कमल शर्मा की ओर से दीपावली की ढेर सारी शुभ कामनायें......
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