जाने कहाँ से भनक लग गयी ज़माने को !
बस, आमादा है प्यार मेरा मिटाने को !!
अय बर्क! जा तू रास्ता देख अपना,
ना देख बुरी नज़र से मेरे आशियाने को !
तुम्हें क्या गरज़ पड़ी है दुनिया वालो,
ना बदनाम करो मेरे पाक फ़साने को !
अपने पास ही रख अपना मशवरा रकीब,
थोड़ी बहुत अक़ल तो है मुझ दीवाने को !
"कमल" बाज़ आया मैं तो इस दुनिया से,
कोई ना कोई चाहिए इसे रुलाने को !
(आमादा=तैयार, बर्क=बिजली जो आसमान में चमकती है, गरज़=मतलब, पाक=पवित्र, मशवरा=परामर्श, रकीब=प्रेमिका का दूसरा प्रेमी या प्रेमी की दूसरी प्रेमिका)
बस, आमादा है प्यार मेरा मिटाने को !!
अय बर्क! जा तू रास्ता देख अपना,
ना देख बुरी नज़र से मेरे आशियाने को !
तुम्हें क्या गरज़ पड़ी है दुनिया वालो,
ना बदनाम करो मेरे पाक फ़साने को !
अपने पास ही रख अपना मशवरा रकीब,
थोड़ी बहुत अक़ल तो है मुझ दीवाने को !
"कमल" बाज़ आया मैं तो इस दुनिया से,
कोई ना कोई चाहिए इसे रुलाने को !
(आमादा=तैयार, बर्क=बिजली जो आसमान में चमकती है, गरज़=मतलब, पाक=पवित्र, मशवरा=परामर्श, रकीब=प्रेमिका का दूसरा प्रेमी या प्रेमी की दूसरी प्रेमिका)
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