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शनिवार, 15 सितंबर 2012

***बेरोज़गारी***
अफ़सोस ! मुझे नौकरी ना मिली !
अब सुबह शाम है फिक्र यही किसी तरह नौकरी मिल जाये,
जो मेहनत करी पढाई में हो मज़ा मुझे हासिल जाये,
मुझको सर्विस सी परी ना मिली.......१
जो इल्म-ओ-हुनर की क़दर करें वो लोग गए सब दुनिया से,
खाली बैठा कब तक मैं रहूँ ले मुझे उठा रब दुनिया से,
ये दुनिया मुझको भरी ना मिली.......२
हो गये सेलेक्ट इंटरव्यू  में वो जिनकी सिफारिश अच्छी थी,
हम तो हो फेल चले घर को माना कि ख्वाहिश अच्छी थी,
मुझे शाख-ए-तमन्ना हरी ना मिली....३

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