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गुरुवार, 13 सितंबर 2012

हम सबके दिलो को बांधने को जो प्यार का धागा हो जाये !
ये दिल तो सोना है ही मगर, सोने पे सुहागा हो जाये !!
हम हँसते रहे और गाते रहे, एक सुर में रहे सरगम की तरह,
क्या खूब कटेगी अय यारो, ज़िन्दगी में सा रे गा हो जाये !
तकदीर भी यारो कुछ भी नहीं, बस अपने किये का नतीजा है,
जो खूब करे मेहनत इंसां, क्यूँ कोई अभागा हो जाये !
रंगों नस्लों से क्या लेना, एक मीठी बोली सीख ले हम,
इस शीरीं ज़बां से ही न्यारे, कोयल और कागा हो जाये !
ये प्यार का बंधन ऐसा है, जिसका तो कोई मोल नहीं,
धागे तो प्यार के हो ही "कमल", और प्यार का चोगा हो जाये !

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