ये दिल जब आ गया तुझ पर कहीं अब जा नहीं सकता !
वो ऐसी कौनसी शै है जो तुझसे पा नहीं सकता !!
कभी तुम बेवफा होंगे , कभी मैं बेवफा हूँगा,
कि ऐसी बात भी मैं तो ज़ेहन में ला नहीं सकता !
यूँ तो गुनगुनाने की कोशिशें सब ही करते हैं,
मोहब्बत ऐसा नग्मा है जो हर कोई गा नहीं सकता !
हज़ारों शमा जलती है हुस्न की यूँ तो दुनिया में,
मगर तेरे सिवा दिलबर कोई अब भा नहीं सकता !
"कमल" ये लोग कहते हैं , नहीं वो शख्स है कुछ भी,
ग़मों को सह नहीं सकता , चोट को खा नहीं सकता !
वो ऐसी कौनसी शै है जो तुझसे पा नहीं सकता !!
कभी तुम बेवफा होंगे , कभी मैं बेवफा हूँगा,
कि ऐसी बात भी मैं तो ज़ेहन में ला नहीं सकता !
यूँ तो गुनगुनाने की कोशिशें सब ही करते हैं,
मोहब्बत ऐसा नग्मा है जो हर कोई गा नहीं सकता !
हज़ारों शमा जलती है हुस्न की यूँ तो दुनिया में,
मगर तेरे सिवा दिलबर कोई अब भा नहीं सकता !
"कमल" ये लोग कहते हैं , नहीं वो शख्स है कुछ भी,
ग़मों को सह नहीं सकता , चोट को खा नहीं सकता !