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रविवार, 7 अक्तूबर 2012

...रोता हूँ

याद आता है यार...रोता हूँ !
किया था क्यूँ ये प्यार...रोता हूँ !!
दिल को एक बार मैं लगा बैठा,
दिल को अब बार बार...रोता हूँ!
बड़ा संभाल के रखा था दामन,
हो गया तार तार...रोता हूँ!
अब तो तेरा ही बस सहारा है,
मेरे परवरदिगार...रोता हूँ!
आँसू आते हैं तो रुकते ही नहीं,
"कमल' मैं जार जार ...रोता हूँ !

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