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शनिवार, 23 मार्च 2013


"छेड़ दी लड़की कोई" जैसे ही लोगों ने सुना!
चप्पलों से, थप्पड़ों से, मनचला खूब धुना!!
पिटके, अब तो मनचला भी सोचता होगा,
क्यूँ ये लड़की चुनी?क्यूँ ये मोहल्ला चुना?
आया था लेकर, सिर्फ एक दर्द, दिल में,
चला वो लेके दर्द बदन  में चार गुना!
जाके घर मनचले, सभी  चोटों पर,
सिकाई करना लेके पानी कुनकुना!
मनचलों ! याद रहे "कमल" की सीख,
कीडा खुद फँसता, जब भी रेशम को बुना!

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