*****विश्व जल दिवस पर *****
पानी की कीमत ज़रा, सोच अरे नादान!
मिले ना गर जो वक़्त पर, सूख जाती है जान !!
सूख जाती है जान, फिर भी ना डरते!
बिना ज़रुरत के भी, पानी बरबाद हैं करते!!
सही सोचता "कमल", रही गर यही कहानी!
नहीं मिलेगा मरने को भी, चुल्लू भर पानी !!
पानी की कीमत ज़रा, सोच अरे नादान!
मिले ना गर जो वक़्त पर, सूख जाती है जान !!
सूख जाती है जान, फिर भी ना डरते!
बिना ज़रुरत के भी, पानी बरबाद हैं करते!!
सही सोचता "कमल", रही गर यही कहानी!
नहीं मिलेगा मरने को भी, चुल्लू भर पानी !!
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