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बुधवार, 13 मार्च 2013

आ ! नये साल के नये मौसम की यूँ शुरुआत करें!
जो अधूरी रही पिछली बार वो पूरी बात करें!!
बेकार ना जाने दे हम एक भी लम्हा इस बार ,
दिन को खुशनुमा और रंगीन अपनी रात करें!
हम भी जवाँ , दिल भी जवाँ और उमंगें भी जवाँ ,
बहकती फिजा में  कौन भला बस में जज़्बात करें!
ज़िन्दगी ऐसी हसीं मिलेगी फिर ना दोबारा,
चमन के फूल सब मिलके यही इशारात करें!
आगे ज़िन्दगी में एक से एक मोड़ आयेंगे "कमल",
फैसले ज़िन्दगी के जो भी हो मिलके साथ करें!

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